Shardiya Navratri 2022: Kashi Pawan path 9 Gauri Yatra Darshan
Shardiya Navratri 2022 Kashi Pawan path 9 Gauri Yatra Darshan
देवी गौरी के नौ रूपों के मंदिर काशी Kashi के विभिन्न स्थानों पर स्थित हैं और वासंतिक नवरात्रि में नव गौरी यात्रा का विशेष महत्व है।
काशी धर्म नगरी के नाम से जाना जाता है। यह माना जाता है कि यह नगर भगवान शिव के त्रिशूल पर स्थित है। जहाँ भगवान शिव हों, वहाँ माता गौरी का निवास अवश्यंभावी है। गौरी दर्शन वासंतिक नवरात्रि के पहले दिन प्रतिपदा तिथि को अंत्यन्त फलदायी माना जाता है।
नव गौरी के रूप
प्रथम नवरात्रि को मुखनिर्मलिका गौरी, दूसरे दिन ज्येष्ठा गौरी , तीसरे दिन सौभाग्य गौरी, चौथे दिन शृंगार गौरी, पाँचवें दिन विशालाक्षी गौरी, छठे दिन ललिता गौरी, सातवें दिन भवानी गौरी, आठवें दिन मंगला गौरी और नवें दिन महालक्ष्मी गौरी की पूजा होती है। देवी गौरी के नौ रूपों के मंदिर काशी के विभिन्न स्थानों पर स्थित हैं और वासंतिक नवरात्रि में नव गौरी यात्रा का विशेष महत्व है।
नव गौरी यात्रा
काशी खंड के अध्याय 100 में नव गौरी यात्रा का वर्णन किया गया है।