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Chandra Grahan 2022: 8 November 2022 Chandra Grahan timing Effects

Chandra Grahan 2022 8 november 2022 chandra grahan timing Effects

Chandra Grahan 2022 सूर्य ग्रहण के ठीक 15 दिन बाद साल का दूसरा और अंतिम चंद्र ग्रहण Chandra Grahan पड़ने जा रहा है। यह चंद्र ग्रहण कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा 8 नवंबर को लगेगा। इस ग्रहण की शुरुआत शाम 05 बजकर 28 मिनट पर होगी और इसका समापन 07 बजकर 26 मिनट पर होगा। इस चंद्र ग्रहण को भारत में देखा जा सकेगा इसलिए यहाँ सूतक काल मान्य होगा।

8 नवंबर 2022 को लगने वाला चंद्र ग्रहण मेष राशि और भरणी नक्षत्र में आकार लेगा। मेष राशि के स्वामी मंगल महाराज उस दिन तीसरे भाव में वक्री अवस्था में विराजमान रहेंगे। इस दिन चंद्रमा के साथ तो राहु महाराज स्थित होंगे लेकिन सूर्य भी केतु, शुक्र और बुध के साथ स्थित होंगे और उनके ऊपर शनि की पूर्ण दृष्टि भी होगी।

इस प्रकार देखा जाए तो चंद्रमा Moon और सूर्य Sun दोनों ही मुख्य ग्रह पीड़ित अवस्था में होंगे। वहीं बृहस्पति की शुभ दृष्टि भी उनके ऊपर नहीं होगी, इस प्रकार यह एक विशेष चंद्रग्रहण होगा जिसका दूरगामी प्रभाव दिखाई दे सकता है। चंद्रमा भरणी नक्षत्र में होने से नक्षत्र के स्वामी शुक्र महाराज भी पीड़ित अवस्था में ही रहेंगे। इसलिए यह ग्रहण विशेष रूप से मेष राशि और भरणी नक्षत्र के लोगों और देशों के लिए विशेष रूप से गहन प्रभाव देने वाला साबित होगा।

बात अगर देव गुरु बृहस्पति की करें तो ये भी अपनी मीन राशि में वक्री अवस्था में स्थित रहेंगे और शनि मकर राशि के होंगे। पूर्ण चंद्र ग्रहण के समय की इन सभी ग्रह स्थितियों का विशेष प्रभाव देश और दुनिया पर व्यापक रूप से दिखाई पड़ेगा। आइए जानते हैं कि कैसा होगा प्रभाव।

पूर्ण चंद्रग्रहण से इन चार राशियों को होगा फायदा 8 november 2022 chandra grahan timing Effects


जिस प्रकार कुंडली में कोई एक भाव सदैव अच्छा या बुरा फल नहीं देता इसलिए ज्योतिषीय घटनाएं भी सदैव अच्छा या बुरा फल नहीं देती, अपितु मिश्रित परिणाम भी दे सकती हैं। जिन संतानों का जन्म इस चंद्र ग्रहण काल में होगा, उनके चंद्र और सूरज दोनों पीड़ित होने से उनके ग्रहण की शांति करानी आवश्यक होगी।

अब यदि इस चंद्रग्रहण के फल की बात की जाए तो 8 नवंबर 2022 का यह चंद्रग्रहण मिथुन राशि के जातकों के लिए अत्यंत लाभदायक साबित होगा।

Cancer कर्क (kark) राशि के जातकों के सुख में बढ़ोतरी होगी और कैरियर में उत्तम स्थिति प्राप्त होगी। जिन जातकों का जन्म वृश्चिक राशि में हुआ है, उनको कर्ज से मुक्ति मिल सकती है और कुंभ राशि के जातकों को धनलाभ होने के प्रबल योग बनेंगे।

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इस प्रकार मिथुन राशि, Mithun (Gemini )कर्क (Cancer) राशि, वृश्चिक (Vrishchik) राशि और कुंभ (kumbh )राशि के जातकों के लिए यह चंद्रग्रहण बहुत लाभदायक साबित हो सकता है और उन्हें इस चंद्रग्रहण के शुभ परिणाम प्राप्त हो सकते हैं।

इस चंद्रग्रहण पर यह चार राशि वाले रहें सावधान
यह चंद्रग्रहण मेष राशि में हो रहा है इसलिए मेष राशि के जातकों को ज्यादा सावधान रहने की आवश्यकता पड़ेगी और स्वास्थ्य से संबंधित समस्याएं उन्हें परेशान कर सकती हैं।

वृषभ राशि के जातकों को धन हानि और खर्चों में बढ़ोतरी का सामना करना पड़ सकता है। सिंह राशि के जातकों को भाग्य में कमी और बनते हुए कार्यों में विघ्न पड़ सकते हैं तथा मीन राशि के जातकों के लिए पारिवारिक जीवन में तनाव और धन हानि की स्थिति बन सकती है। शेष राशि के जातक मिश्रित परिणाम अनुभव करेंगे।

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यदि हम वैदिक ज्योतिष को देखें तो उसमें चंद्रमा को सर्वाधिक महत्वपूर्ण माना गया है क्योंकि चंद्रमा मन का कारक है और जल तत्व पर प्रतिनिधित्व रखता है और हमारे शरीर का 70% भाग चंद्रमा से ही संचालित होता है तथा यह हमारे मन का कारक भी है इसलिए विंशोत्तरी दशा की गणना भी चंद्र की स्थिति पर निर्भर होती है।

चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan 2022) के दौरान चंद्रमा को मजबूत बनाने के लिए चंद्रमा के किसी भी मंत्र का यथाशक्ति जाप करना चाहिए। चंद्रमा के मुख्य देवता भगवान शिव हैं क्योंकि उन्होंने ही चंद्रमा को अपने मस्तक पर स्थान दिया हुआ है इसलिए भगवान शिव के चंद्रशेखर या आशुतोष स्वरूप की प्रसन्नता के लिए मंत्र का जाप ग्रहण काल में करना अत्यंत लाभदायक साबित हो सकता है।

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ऐसा माना जाता है कि यदि आप अपने घर पर मंत्र जाप करते हैं तो 1 गुना, किसी मंदिर में करते हैं तो 10 गुना, किसी तीर्थ स्थान या नदी किनारे करते हैं तो 100 गुना और यदि ग्रहण काल में कोई जाप किया जाए तो हजार गुना फल प्राप्त होता है। इसलिए ग्रहण काल में आप कोई भी मंत्र जाप कर सकते हैं, जिससे आपको संतुष्टि मिलती हो क्योंकि उसका आपको अत्यंत लाभ मिलेगा।

शारीरिक समस्याओं से ग्रसित व्यक्तियों को यदि संभव हो तो स्वयं अथवा उनके किसी नजदीकी परिवार वाले के द्वारा भगवान शिव के महामृत्युंजय मंत्र का निरंतर जाप ग्रहण काल में करने से उत्तम स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होने के योग बनते हैं।

ग्रहण काल में दान पुण्य और जप करने का अत्यंत लाभ होता है इसलिए ग्रहण काल में मंत्र जाप करें। उसके बाद दान की सामग्री इकट्ठा करके उसके दान का संकल्प लें और ग्रहण समाप्ति पर वह दान देकर, पुण्य पावन नदी में स्नान करें। ऐसा करने से अत्यंत शुभ फलों की प्राप्ति होती है। चंद्र ग्रहण के दौरान भगवान शिव के साथ माता पार्वती अर्थात दुर्गा जी की पूजा करना भी अत्यंत लाभदायक होता है।

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